जल जंगल जमीन
जल जंगल जमीन
पेड़ों को नहीं मिटाओ रे, पर्यावरण बचाओ रे
पेड़ अगर काटोगे भैया, खुद भी न बच पाओगे
विन पानी भोजन के भैया, तुम कैसे जी पाओगे
सूख रहे जलश्रोत धरा पर, कहां से पानी लाओगे
हो गया पानी जहरीला और जहरीली हवा हुई
धरती कचरे से भर डाली, हरियाली काफूर हुई
नष्ट हुए जल जंगल सारे, जैवविविधता नष्ट हुई
कैसे मानव की जान बचेगी, कोई तो जतन जुटाओ रे
तापमान बढ़ रहा दिनों दिन, ओजोन परत क्षतिग्रस्त हुई
अनियंत्रित कार्बन उत्सर्जन से, सांसें जीवन की पस्त हुईं
नई नई बीमारी आईं, दुनिया सारी त्रस्त हुई
सोच समझ कर रहो धरा पर, प्रदूषण न फैलाओ रे
जल जंगल जमीन बचाओ, गीत अमन के गाओ रे