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9 Feb 2024 · 1 min read

जला रहा हूँ ख़ुद को

जला रहा हूँ ख़ुद को, तपा रहा हूँ मैं,
सता रहा हूँ ख़ुद को, थका रहा हूँ मैं,

डुबो रहा हूँ ख़ुद को, दफना रहा हूँ मैं,
कर्म यज्ञ की आग में, झुलसा रहा हूँ मै,

कुछ अज़ब कश्मकश में, समझा रहा हूँ ख़ुद को,
खुद दौड़ रहा हूँ अब, कुछ ढूंढ़ रहा हूँ मैं,

पिरो रहा हूँ ख़ुद को, बिखर रहा हूँ फिर मै,
सिमट रहा हूँ खुद में, घिसट रहा हूँ मै,

चुभो रहा हूँ ख़ुद को, डरा रहा हूँ मैं,
उधड़ रहा हूँ ख़ुद में, उलझ रहा हूँ मैं ।

!! आकाशवाणी !!

Language: Hindi
147 Views

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