((((जलाल))))
((((((((जलाल))))))))
हज़ार ठोकरें लगी हैं ज़िन्दगी में,
पर मेरा कोई ज़िन्दगी से सवाल नही.
वक़्त ने तो बहुत दिए थे मौके,
पर मेरा कोई किस्मत से मलाल नही।
बेफिक्र तो हम थे नशे में,
पर मेरा कोई वक़्त से बवाल नही.
हमने खुद ही उजाड़ा है हुनर का रास्ता,
पर अब टूटे पेड़ो की कोई डाल नही.
किन रातों से करे शिकायतें, ख़्वाब तो
बहुत थे,पर हमने चाहकर भी देखा
कोई खयाल नही।
बजाते रहे अपनी ही धुन पर साज़,
पर किसी मंज़िल की कभी पकड़ी
कोई ताल नही।
ये मुक़द्दर की नही बात कोई सिर्फ,
कोशिश जरूरी है पर मेहनत के बिना
कोई यहाँ जलाल नही।