Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2021 · 1 min read

जरूरी

ख्वाहिशें हैं अधूरी और अधूरी रहेगी।
क्योंकि साथ तो अपने बस मजबूरी रहेगी।
मुझे सुनने की आदत कब की चली गयी,
मुझसे वही बात कहना जो जरूरी रहेगी।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
1 Like · 258 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दशहरा
दशहरा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
पिछले पन्ने 4
पिछले पन्ने 4
Paras Nath Jha
"अहसासों का समीकरण"
Dr. Kishan tandon kranti
दुश्मन को दहला न सके जो              खून   नहीं    वह   पानी
दुश्मन को दहला न सके जो खून नहीं वह पानी
Anil Mishra Prahari
सफर अंजान राही नादान
सफर अंजान राही नादान
VINOD CHAUHAN
कौन नहीं है...?
कौन नहीं है...?
Srishty Bansal
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
Neeraj Agarwal
कुछ अनुभव एक उम्र दे जाते हैं ,
कुछ अनुभव एक उम्र दे जाते हैं ,
Pramila sultan
आपका अनुरोध स्वागत है। यहां एक कविता है जो आपके देश की हवा क
आपका अनुरोध स्वागत है। यहां एक कविता है जो आपके देश की हवा क
कार्तिक नितिन शर्मा
पग बढ़ाते चलो
पग बढ़ाते चलो
surenderpal vaidya
दिल को समझाने का ही तो सारा मसला है
दिल को समझाने का ही तो सारा मसला है
shabina. Naaz
तुम मेरा साथ दो
तुम मेरा साथ दो
Surya Barman
इंसान
इंसान
Bodhisatva kastooriya
दोहा-विद्यालय
दोहा-विद्यालय
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मन की डोर
मन की डोर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
प्रथम गणेशोत्सव
प्रथम गणेशोत्सव
Raju Gajbhiye
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
*शादी के खर्चे बढ़े, महॅंगा होटल भोज(कुंडलिया)*
*शादी के खर्चे बढ़े, महॅंगा होटल भोज(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"रामगढ़ की रानी अवंतीबाई लोधी"
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
!!  श्री गणेशाय् नम्ः  !!
!! श्री गणेशाय् नम्ः !!
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
बेनाम जिन्दगी थी फिर क्यूँ नाम दे दिया।
बेनाम जिन्दगी थी फिर क्यूँ नाम दे दिया।
Rajesh Tiwari
दर्द के ऐसे सिलसिले निकले
दर्द के ऐसे सिलसिले निकले
Dr fauzia Naseem shad
23/135.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/135.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सृजन के जन्मदिन पर
सृजन के जन्मदिन पर
Satish Srijan
Jannat ke khab sajaye hai,
Jannat ke khab sajaye hai,
Sakshi Tripathi
कांटा
कांटा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
भटक ना जाना तुम।
भटक ना जाना तुम।
Taj Mohammad
My life's situation
My life's situation
Sukoon
■ #यादों_का_आईना
■ #यादों_का_आईना
*Author प्रणय प्रभात*
तेरी चाहत हमारी फितरत
तेरी चाहत हमारी फितरत
Dr. Man Mohan Krishna
Loading...