Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2021 · 1 min read

जरूरत क्या मुझे उनको, ये दर्दे दिल दिखाने की।

गज़ल
काफ़़िया- आने
रद़ीफ- की
मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन
1222……1222…….1222……1222

नहीं कोई यकीं करता, ये आदत है जमाने की।
जरूरत क्या मुझे उनको, ये दर्दे दिल दिखाने की।

तुम्हारे पास रुतबा, और ताकत है जमाने की।
न इससे कोशिशें करना, गरीबों को सताने की।

ये मेरा दर्द है आखिर, इसे मुझको ही सहना है।
मुझे मालुम, नहीं कोई दवा इसको दबाने की।

गरीबी भुखमरी से जो हैं, खस्ताहाल जीवन में,
उन्हें कुछ मिल सके राहत, कुछैसा कर दिखाने की।

कलम की धार के आगे, न कोई शस्त्र टिकता है,
जरूरत क्या कलमकारों को है, खंजर चलाने की।

सितारे साथ है मेरे, गगन अब और रोशन हो,
हमारी कोशिशें हैं, इक नया सूरज उगाने की।

हमारे साथ होगा कौन, ये तो वक्त देखेगा,
कि प्रेमी बन करेंगे कोशिशें, नफ़रत भगाने की।

……✍️ प्रेमी

1 Like · 2 Comments · 567 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सारा रा रा
सारा रा रा
Sanjay ' शून्य'
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
Sukoon
*पापी पेट के लिए *
*पापी पेट के लिए *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सत्य कभी निरभ्र नभ-सा
सत्य कभी निरभ्र नभ-सा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
gurudeenverma198
हे ! भाग्य विधाता ,जग के रखवारे ।
हे ! भाग्य विधाता ,जग के रखवारे ।
Buddha Prakash
मन सोचता है...
मन सोचता है...
Harminder Kaur
रमजान में....
रमजान में....
Satish Srijan
ख़त्म होने जैसा
ख़त्म होने जैसा
Sangeeta Beniwal
आवाजें
आवाजें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
Paras Nath Jha
दोस्ती और प्यार पर प्रतिबन्ध
दोस्ती और प्यार पर प्रतिबन्ध
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
"बहरे होने का अपना अलग ही आनंद है साहब!
*Author प्रणय प्रभात*
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
मोबाइल
मोबाइल
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात (कुंडलिया)*
*अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जीवन की
जीवन की
Dr fauzia Naseem shad
ऐलान कर दिया....
ऐलान कर दिया....
डॉ.सीमा अग्रवाल
अहंकार का एटम
अहंकार का एटम
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
3244.*पूर्णिका*
3244.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जैसे को तैसा
जैसे को तैसा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
Manisha Manjari
तन्हाई को तोड़ कर,
तन्हाई को तोड़ कर,
sushil sarna
"माँ का आँचल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
प्यारा भारत देश है
प्यारा भारत देश है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
फागुन
फागुन
पंकज कुमार कर्ण
फितरत में वफा हो तो
फितरत में वफा हो तो
shabina. Naaz
Loading...