Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2023 · 4 min read

दोस्ती और प्यार पर प्रतिबन्ध

एक समय की बात है, जब शायद उम्र 28 वर्ष की रही होगी, एक लड़की जिस का नाम नीतू था, और वो धोबी परिवार से थी, उस की एक मित्र से ऐसी दोस्ती हो गयी , कि उस ने उस को अपना जीवन साथी बनाने तक का सपना संजो लिया था, पर वो क्रिशचन था,नाम था उस का ब्रूस ली , शायद घर पर या परिवार के लोगों ने प्यार से रख दिआ होगा और वो नीतू के साथ ज्यादा ही घुल मिल उस के सब तरह के भेद से जानकार होता जा रहा था , इसी बीच एक बार मेरा नीतू के घर जाना हुआ, थोड़ी पुरानी जान पहचान सी थी, तो चला गया , वहां जाकर नीतू ने एक बात कही, कि मेरा एक काम कर दो, मैने कहा बताओ, ऐसा क्या काम है, जो मेरे द्वारा किया जाएगा, उस ने कहा की मेरी कुछ तस्वीरें हैं, जो उस लड़के ब्रूस ली के पास है, और वो मुझ को अपने दोस्तों के पास तस्वीरों को लेजाकर बादाम कर रहा है, अगर उस को मुझ से प्रेम है, तो काम से काम अपने तक रखता, वो सब को दिखा कर मेरा आना जाना दूभर कर रहा है, तो आप उस से मेरी उन तस्वीरों को ले कर , मुझ को वापिस कर दो, मुझ पर यह आपका बहुत बड़ा एहसान होगा, बस यही सोचा कि , अगर नीतू को मेरे इस काम के करने से ख़ुशी मिलती है, तो कर ही देता हूँ, तो एक दिन मौका निकल कर मई ब्रोली से मिला, और उस के साथ वो ही बात कही, जो नीतू ने कही थी, पहले तो वो सोच में पड़ गया, फिर बोलै, जैसी आप की इच्छा , वैसे मैने आपको देखा है, उन के घर, तो इस विश्वाश के साथ वापिस कर रहा हूँ, मैं उस से प्रेम करता हु, तो यह फोटो किसी दुसरे को आप मत दिखाना कभी, तभी मैने यह कहा, मैं तो नहीं दिखाऊंगा, पर तुम ने तो अपने सारे दोस्तों को नीतू की फोटो दिखा रखे है, जिस की वजह से उस को बाहर निकलने में भी ग्लानि महसूस होने लगी है, यह सब प्यार में नहीं किया जाता, तो वो एक झटके में बोलै, ठीक है, उस को अगर ऐसा लगता है, तो आप यह फोटो ले जाओ, और उस को कहना कि मेरे साथ अब कोई दोस्ती या प्यार वाली बात नहीं करेगी, मैने तो ऐसे ही अपने दोस्तों को दिखा दी था, अब यह तो नहीं पता था, कि नीतू तक यह बात पहुँच जायेगी, खैर मैं वो तस्वीरें लेकर नीतू के घर गया, उस को सब बात बताई, उस के दिल में जो खौफ्फ़ था अपनी तस्वींरों के प्रति वो दूर हुआ. और उस ने ब्रूस ली से अपनी प्रेम कथा को विराम दे दिया। ..

ऐसे ही काफी समय गुजर गया, यह बातें उस वक्त की यह जब मोबाइल, बगैर नहीं हुआ करते थे, दूर दर्ज किसी के घर डॉट फ़ोन होता था, पर उस पर भी बाहर का आदमी बात करते घबराता था,शर्माता था ! काफी दिन के बाद मैं उनके घर गया था, उस के पिता जी ने जो बात कही, वो मेरे दिल में घर कर गयी , उनका यह कहना था , जिस दिन से फोटो लाकर दी है, उस दिन से यह आप को देखने को परेशां रहने लगी है, बोलती है, वो बहुत अच्छे हैं पापा, मेरे को बदनाम होने से उन्होंने बचा लिया है, मेरे दिल में उनके लिए बहुत जगह है, उस के पापा ने बताया कि वो हर शाम इस इंतजार में रहने लगी, की आज वो आये नहीं, मेरा मन खाने पीने को भी नहीं करता है, इतनी परेशां उन्होंने अपनी इस बेटी को कभी नहीं देखा था, जितना वो देख रहे थे, उस दिन के बाद मैं अक्सर उनके घर जाता, उस के माँ पापा मिलते, खाना भी खिलाते, चाय भी पीला कर ही घर वापिस भेजते.. ऐसा करते करते काफी वक्त निकल गया, नीतू को मुझ से इतना प्यार हो गया, यह उस के पापा ने बताया , उस की आँखे जरूर बता देती थी, पर जुबान शांत रहती थी !

एक दिन समय निकल कर नीतू के पापा मेरे घर पर आ गए, कहने लगे की, हम सारे परिवार वाले आपके बेटे को बहुत पसंद करते है, मैं अपनी बेटी के लिए आपके बेटे का रिश्ता करने को उत्सुक हूँ बहनजी आप भाई साहब से सलाह कर के अपनी सहमत दीजिये , होनी के आगे सब कुछ फेल हो जाता है, मेरी माँ और पिता जी की असहमति से निराश होकर नीतू के पिता वापिस चले गए और जातिवाद जी वजह से यह रिश्ता नहीं हो सका, नीतू के पापा ने उस का रिश्ता बड़ी कोशिशों के बाद कई किलोमीटर दूर दिया, पर दोस्ती जो प्रेम की तरफ बढ़ रही थी, वो इतनी सी बात की वजह से भस्म हो गयी, यह उस वक्त का प्रेम था, जिस को प्रेम ही कहते थे, हवस, या भोग विलासिता की वस्तु नहीं कहते थे, एक दुसरे के प्रति समर्पण हुआ करता था, दुख सुख को समझते थे, आज का वक्त होता तो शायद मंजर कुछ अलग होता , पर जो भी था, वो परिवार की सहमति से था, शायद कुछ् अच्छे के लिए ही होता होगा इस लिए आज भी उस दोस्ती की यादों को सीने के साथ लगा के चल रहा हूँ, अच्छी चीजे कभी भुलाई नहीं जा सकती !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

2 Likes · 330 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
मकड़जाल से धर्म के,
मकड़जाल से धर्म के,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
राम अवध के
राम अवध के
Sanjay ' शून्य'
आशा की एक किरण
आशा की एक किरण
Mamta Rani
जब किसी बज़्म तेरी बात आई ।
जब किसी बज़्म तेरी बात आई ।
Neelam Sharma
शुम प्रभात मित्रो !
शुम प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
एकीकरण की राह चुनो
एकीकरण की राह चुनो
Jatashankar Prajapati
गजल
गजल
Anil Mishra Prahari
Kudrat taufe laya hai rang birangi phulo ki
Kudrat taufe laya hai rang birangi phulo ki
Sakshi Tripathi
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
Dr Archana Gupta
बदल गया जमाना🌏🙅🌐
बदल गया जमाना🌏🙅🌐
डॉ० रोहित कौशिक
💐प्रेम कौतुक-164💐
💐प्रेम कौतुक-164💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
Varun Singh Gautam
3010.*पूर्णिका*
3010.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिचकी
हिचकी
Bodhisatva kastooriya
....ऐ जिंदगी तुझे .....
....ऐ जिंदगी तुझे .....
Naushaba Suriya
ज़िंदगी क्या है ?
ज़िंदगी क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
👉अगर तुम घन्टो तक उसकी ब्रेकअप स्टोरी बिना बोर हुए सुन लेते
👉अगर तुम घन्टो तक उसकी ब्रेकअप स्टोरी बिना बोर हुए सुन लेते
पूर्वार्थ
"चाँद-तारे"
Dr. Kishan tandon kranti
पुरुष की अभिलाषा स्त्री से
पुरुष की अभिलाषा स्त्री से
Anju ( Ojhal )
हम जितने ही सहज होगें,
हम जितने ही सहज होगें,
लक्ष्मी सिंह
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
किसान,जवान और पहलवान
किसान,जवान और पहलवान
Aman Kumar Holy
हारो कभी न धैर्य को ,रखो सदा विश्वास (कुंडलिया)
हारो कभी न धैर्य को ,रखो सदा विश्वास (कुंडलिया)
Ravi Prakash
तुम मुझे बना लो
तुम मुझे बना लो
श्याम सिंह बिष्ट
नारी का बदला स्वरूप
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
ओनिका सेतिया 'अनु '
सीरिया रानी
सीरिया रानी
Dr. Mulla Adam Ali
किस गुस्ताखी की जमाना सजा देता है..
किस गुस्ताखी की जमाना सजा देता है..
कवि दीपक बवेजा
चिंतन
चिंतन
ओंकार मिश्र
Loading...