जय हनुमान
मारूति नन्दन पवन सुत वीर हनुमान नमन बारम्बार
बधाई हो जन्मोत्सव आया चैत्र शुक्ल पुर्णिमा तिहारा
रघुवर दास कहाते सर्व जग के काज संवारते
रावण की लंका में आग लगा कर दुष्टों को मारे
रामचन्द्र के सेवक सीता मां के आप प्यारे
वीर बजरंगी आप ही सब जग रखवारे
सिय मुख मुस्कान लाए प्रभु मिलन की आस जगाई
स्वामी का सन्देश पहुंचाये मुद्रिका जब आप दिखाई
लक्ष्मण मुर्छित पड़े जब आपहि लाय संजीवन
हर काज सफल हो जाते आप ही दुःख भंजन