जय संविधान…✊🇮🇳
आज का दिन महान बना था,
जब देश को संविधान मिला था।
देश चलाने के लिए चुनिंदा लोगों ने,
कुछ कानूनों का निर्माण किया था।
जब अंग्रेज़ों का चलता था शासन,
अंधकार में भारत जी रहा था।
खून के आंसू रो रहा था भारत,
गुस्से का ज़हर पी रहा था।
कई अभियान चलाएं भारतीयों ने,
कई लोगों ने प्राण दिया था।
आए-गए कई शूरवीर,
लेकिन अंग्रेज़ों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था।
देखते ही देखते अंग्रेज़ों का ज़ुल्म बढ़ रहा था,
पानी अब सिर के पार हो गया था।
जब अंग्रेज़ों ने हर भारतवासी को,
ईसाई धर्म अपनाने का आदेश दिया।
भारत में कई धर्म, सबने मना कर दिया।
अंग्रेज़ों को गुस्सा आया, फिर खून खराबा हुआ।
देखते ही देखते जब अंग्रेज़ों का ज़ुल्म कम होता गया,
जब उनका अंत नज़दीक आता गया।
कुछ लोगों ने एक बैठक बुलाई।
नव भारत को नव कानून देने की योजना बनाई।
कई बैठकें, विवाद हुए।
लेकिन कार्य न रुका।
एकता का माहौल था छाया,
2 वर्ष, 11 माह, 17 दिन का समय लगा।
234 पन्नों की इस कानून की किताब का नाम,
“संविधान” रखा गया था।
“संविधान सभा” ने,
इतिहास गढ़ा था।
कानून क्या होंगे, देश कैसे चलाया जाएगा,
सोचने में समय लगा था।
किताब लिखने का काम भारतीय सुलेखक,
प्रेम बिहारी नारायण रायजादा को सौंपा गया था।
26 नवंबर 1949 के दिन,
संविधान को स्वीकार किया गया।
26 जनवरी 1950 यानी आज के दिन,
भारतीय संविधान को लागू किया गया था।
कानून की रक्षा आज भी की जाती है।
जो तोड़ देता है इन्हें, उसे कठोर सजा दी जाती है।
हमें अपने संविधान का सम्मान करना चाहिए।
इसके विरुद्ध कभी नहीं जाना चाहिए।
आइए हम सब इसके लिए शपथ लेते हैं।
जिन्होंने जान लगा दी इसे बनाने में,
उन्हें याद और नमन करते हैं।
संविधान समाधान है, विवाद नहीं।
संविधान सबसे पहले, कोई इसके बाद नहीं।
सबसे प्यारा, संविधान हमारा।
सबसे न्यारा, संविधान हमारा।
सबसे पहले, संविधान हमारा।
आख़िरी दम तक, संविधान हमारा।
लगाएंगे बस एक ही रट!
जय हिन्द, जय भारत।
– सृष्टि बंसल