Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2021 · 1 min read

जय माता शेरांवाली

***** शेरांवाली माँ (भेंट) ******
***************************

शेरांवाली शेर पर सवार आई है,
पीछे-पीछे भक्तों की कतार आई है।

ऊंचे पर्वत हैं निवास मैया रानी का,
जन गण मन में वास मैया रानी का,
पहाड़ों से शीतल सी बयार आई हैं।
पीछे-पीछे भक्तों की कतार आई है।

सिर सुनहरी सुन्दर मुकुट जड़ा है,
रक्षक बन कर माँ का शेर खड़ा है,
हाथों में ले कर वो तलवार आई है।
पीछे-पीछे भक्तों की कतार आई है।

दीन-दुखियों की आवाज सुनी है,
अड़कर आगे खुद वो ढाल बनी है,
खुशियों की भर कर बहार आई है।
पीछे-पीछे भक्तों की कतार आई है।

हलवे पुरी का आज भोग लगाएंगे,
भेंटे गाकर हम सब मां को मनाएंगे,
साध – संगत माँ के दरबार आई है।
पीछे -पीछे भक्तों की कतार आई है।

मनसीरत सवाली मैया को पुकारे,
दिनेश के बिगड़े माता भाग्य सुधारे,
रंग रंगीली रौनक बेशुमार आई हैं।
पीछे -पीछे भक्तों की कातर आई है।

शेरांवाली शेर पर सवार आई है,
पीछे-पीछे भक्तों की कतार आई है।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
Tag: गीत
184 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
gurudeenverma198
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका  आकार बदल  जाता ह
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका आकार बदल जाता ह
Jitendra kumar
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
SHAMA PARVEEN
दीवाना - सा लगता है
दीवाना - सा लगता है
Madhuyanka Raj
शीर्षक: बाबुल का आंगन
शीर्षक: बाबुल का आंगन
Harminder Kaur
"मैं तुम्हारा रहा"
Lohit Tamta
पत्थर तोड़ती औरत!
पत्थर तोड़ती औरत!
कविता झा ‘गीत’
मेरे अल्फाजों के
मेरे अल्फाजों के
हिमांशु Kulshrestha
भारत हमारा
भारत हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
3014.*पूर्णिका*
3014.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बचाये रखना तुम प्रेम कुछ उन दिनों के लिए,
बचाये रखना तुम प्रेम कुछ उन दिनों के लिए,
पूर्वार्थ
पढ़ना-लिखना तो ज़रूरी है ही,
पढ़ना-लिखना तो ज़रूरी है ही,
Ajit Kumar "Karn"
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
Lokesh Sharma
কেমেৰা
কেমেৰা
Otteri Selvakumar
तौबा- तौबा  आजकल,
तौबा- तौबा आजकल,
sushil sarna
मोक्ष
मोक्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
फिर कुछ अपने
फिर कुछ अपने
Chitra Bisht
*शिक्षक जी को नमन हमारा (बाल कविता)*
*शिक्षक जी को नमन हमारा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
#सब_त्रिकालदर्शी
#सब_त्रिकालदर्शी
*प्रणय*
शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार पाना नहीं है
शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार पाना नहीं है
Ranjeet kumar patre
अपना-अपना भाग्य
अपना-अपना भाग्य
Indu Singh
गज़ल
गज़ल
करन ''केसरा''
"सावधान"
Dr. Kishan tandon kranti
*****देव प्रबोधिनी*****
*****देव प्रबोधिनी*****
Kavita Chouhan
ठीक है
ठीक है
Neeraj Agarwal
फ़साने
फ़साने
अखिलेश 'अखिल'
মহাদেবকে নিয়ে লেখা কবিতা
মহাদেবকে নিয়ে লেখা কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
हिंसा न करने का उथला दावा तथा उतावला और अनियंत्रित नशा एक व्
हिंसा न करने का उथला दावा तथा उतावला और अनियंत्रित नशा एक व्
Dr MusafiR BaithA
'सफलता' वह मुकाम है, जहाँ अपने गुनाहगारों को भी गले लगाने से
'सफलता' वह मुकाम है, जहाँ अपने गुनाहगारों को भी गले लगाने से
satish rathore
मेरा ब्लॉग अपडेट-5-7-2024
मेरा ब्लॉग अपडेट-5-7-2024
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...