जय गणेश
जय गणेश जग वंदन
शिव सुत गौरी नंदन
छवि शोभित अनूप
मन मोहित स्वरूप
लम्ब तुण्ड भुजा चार
गजानन परशु धार
प्रथम पूज्य देव सर्व
गुण गावत नित गंधर्व
मोदक प्रियता सुभोग
बुद्धि दाता सुयोग
जो नर नित ध्यावत
सकल सिद्धियां पावत
निज जन पर कृपा करो
भक्तों की पीर हरो