जयति माँ सिद्धिदात्री
सर्व सिद्धि दायिनी भवानी।
वेदत्रयी यशगान बखानी।।
अष्टसिद्धि नव निधि प्रदायिनी।
जयति मंगला बुद्धि दायिनी।।
आन बसो माँ अन्तस मोरे।
विनती करहुँ मातु करजोरे।।
मिलता सब सुख शरण तिमारे।
करें कृपा शुचि भाग्य हमारे।।
ऋषि नर मुनि सुरपुंज पूजिता।
मन्दहास मृदुवदन मोदिता।।
जय जगदम्ब करें अनुकम्पा।
सिंहवाहिनी दनुज प्रकम्पा।।
अभयप्रदायिनि हे जगमाता।
महिमा शास्त्र वेद विख्याता।।
वागम्भृणी आदि भवरूपा।
जयति दयालु कृपानिधि रूपा।।
आदिशक्ति नवदुर्गा माता।
दीप्त मनो ममतामयि गाता।।
सर्वसम्पदा सम्मति दायिनि।
यश गुण रूप सुसत्त्व प्रदायिनि।।
चक्षुपटल शुभ नवल स्वरूपा।
दुर्गतिनाशिनि मातु अनूपा।।
डा.मीना कौशल
प्रियदर्शिनी