Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

जयति माँ सिद्धिदात्री

सर्व सिद्धि दायिनी भवानी।
वेदत्रयी यशगान बखानी।।
अष्टसिद्धि नव निधि प्रदायिनी।
जयति मंगला बुद्धि दायिनी।।
आन बसो माँ अन्तस मोरे।
विनती करहुँ मातु करजोरे।।
मिलता सब सुख शरण तिमारे।
करें कृपा शुचि भाग्य हमारे।।
ऋषि नर मुनि सुरपुंज पूजिता।
मन्दहास मृदुवदन मोदिता।।
जय जगदम्ब करें अनुकम्पा।
सिंहवाहिनी दनुज प्रकम्पा।।
अभयप्रदायिनि हे जगमाता।
महिमा शास्त्र वेद विख्याता।।
वागम्भृणी आदि भवरूपा।
जयति दयालु कृपानिधि रूपा।।
आदिशक्ति नवदुर्गा माता।
दीप्त मनो ममतामयि गाता।।
सर्वसम्पदा सम्मति दायिनि।
यश गुण रूप सुसत्त्व प्रदायिनि।।
चक्षुपटल शुभ नवल स्वरूपा।
दुर्गतिनाशिनि मातु अनूपा।।

डा.मीना कौशल
प्रियदर्शिनी

Language: Hindi
176 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Meena Kaushal
View all
You may also like:
ज्ञान -दीपक
ज्ञान -दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak
लोकतन्त्र के मंदिर की तामीर बदल दी हमने।
लोकतन्त्र के मंदिर की तामीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
दीदार
दीदार
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
*माला फूलों की मधुर, फूलों का श्रंगार (कुंडलिया)*
*माला फूलों की मधुर, फूलों का श्रंगार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
"रुख़सत"
Dr. Kishan tandon kranti
निकाल कर फ़ुरसत
निकाल कर फ़ुरसत
हिमांशु Kulshrestha
अकेलापन
अकेलापन
भरत कुमार सोलंकी
सबको
सबको
Rajesh vyas
4616.*पूर्णिका*
4616.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अध्यापक:द कुम्भकार
अध्यापक:द कुम्भकार
Satish Srijan
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
Rj Anand Prajapati
चाहत ए मोहब्बत में हम सभी मिलते हैं।
चाहत ए मोहब्बत में हम सभी मिलते हैं।
Neeraj Agarwal
ज्यामिति में बहुत से कोण पढ़ाए गए,
ज्यामिति में बहुत से कोण पढ़ाए गए,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
Rituraj shivem verma
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
Shweta Soni
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
Atul "Krishn"
रक्त लिप्त कुर्बानियां,
रक्त लिप्त कुर्बानियां,
sushil sarna
देश की पहचान
देश की पहचान
Dr fauzia Naseem shad
शेर
शेर
*प्रणय*
मैं बेबस सा एक
मैं बेबस सा एक "परिंदा"
पंकज परिंदा
* बचाना चाहिए *
* बचाना चाहिए *
surenderpal vaidya
आह और वाह
आह और वाह
ओनिका सेतिया 'अनु '
अपनी हद में ही रहो तो बेहतर है मन मेरे
अपनी हद में ही रहो तो बेहतर है मन मेरे
VINOD CHAUHAN
शब्दों का संसार
शब्दों का संसार
Surinder blackpen
कहीं पे पहुँचने के लिए,
कहीं पे पहुँचने के लिए,
शेखर सिंह
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
सत्य कुमार प्रेमी
प्यार के बारे में क्या?
प्यार के बारे में क्या?
Otteri Selvakumar
इस दुनिया में सिर्फ मोबाइल को ही पता होता है उसका मालिक का क
इस दुनिया में सिर्फ मोबाइल को ही पता होता है उसका मालिक का क
Ranjeet kumar patre
Loading...