Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2022 · 1 min read

जमीं को थामे रखता हूँ तो हाथों से सितारे जाते हैं

गली गली हथकड़ियों मे बांध कर गुजारे जाते हैं
सलीबों पे मसीहा आज भी टांग कर मारे जाते हैं

खुद्दारों की लाशों पे पहले भरपूर नुमाइश होती है
एक अरसे बाद जाकर फिर जनाजे उतारे जाते हैं

जीते जी जिनके नाम ओ काम से नफरत होती है
मरने के बाद उनके नाम तस्बीह पर पुकारे जाते हैं

कभी कभार ही दरियादिली का ये मौसम आता है
कभी कभार ही रस्तों के ये किनारे सुधारे जाते हैं

सितारों को थामे रखता हूँ तो,हाथों से जमीं जाती है
जमीं को थामे रखता हूँ तो,हाथों से सितारे जाते हैं
मारूफ आलम

1 Like · 175 Views

You may also like these posts

मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
****बहता मन****
****बहता मन****
Kavita Chouhan
हमर मयारू गांव
हमर मयारू गांव
Dushyant Kumar Patel
जो सोचते हैं अलग दुनिया से,जिनके अलग काम होते हैं,
जो सोचते हैं अलग दुनिया से,जिनके अलग काम होते हैं,
पूर्वार्थ
६ दोहे
६ दोहे
अरविन्द व्यास
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
पंकज परिंदा
सावन का महीना
सावन का महीना
Dr. Vaishali Verma
धड़कनों में प्यार का संचार है ।
धड़कनों में प्यार का संचार है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
The_dk_poetry
*यह  ज़िंदगी  नही सरल है*
*यह ज़िंदगी नही सरल है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वो शिकायत भी मुझसे करता है
वो शिकायत भी मुझसे करता है
Shweta Soni
होता नहीं कम काम
होता नहीं कम काम
जगदीश लववंशी
कब आओगे ? ( खुदा को सदाएं देता एक गमगीन दिल ...)
कब आओगे ? ( खुदा को सदाएं देता एक गमगीन दिल ...)
ओनिका सेतिया 'अनु '
बढ़ने वाला हर पत्ता आपको बताएगा
बढ़ने वाला हर पत्ता आपको बताएगा
शेखर सिंह
World Environmental Day
World Environmental Day
Tushar Jagawat
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
पहाड़ी दर्द
पहाड़ी दर्द
सोबन सिंह रावत
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
Rajesh Kumar Arjun
अकेलापन
अकेलापन
Neerja Sharma
समझ
समझ
मधुसूदन गौतम
पता ही न चला
पता ही न चला
Juhi Grover
भावात्मक
भावात्मक
Surya Barman
काली एली अंगना
काली एली अंगना
उमा झा
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
लेखन मंदराएँ
लेखन मंदराएँ
Sakhi
एक परोपकारी साहूकार: ‘ संत तुकाराम ’
एक परोपकारी साहूकार: ‘ संत तुकाराम ’
कवि रमेशराज
"विजेता"
Dr. Kishan tandon kranti
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
Neeraj Agarwal
मिनखं जमारौ
मिनखं जमारौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
संविधान दिवस
संविधान दिवस
Dr Archana Gupta
Loading...