*जब हो जाता है प्यार किसी से*
जब हो जाता है ये प्यार किसी से
क्यों हमारी नींदे खो जाती है
जाता है जब वो नज़रों से दूर
उसकी याद बहुत सताती है
जब हो जाता है ये प्यार किसी से
क्यों हमारी खुमारी चढ़ जाती है
देखकर फिर उसका चेहरा
ये दिल की धड़कन बढ़ जाती है
जब हो जाता है ये प्यार किसी से
क्यों उसे भी हमसे प्यार नहीं होता
बड़े नसीब वालों को मिलता है सच्चा प्यार तो
राह में मिलने वाला हर कोई यार नहीं होता
जब हो जाता है ये प्यार किसी से
क्यों इंतज़ार की घड़ियाँ ख़त्म नहीं होती
कोई मिलता नहीं प्यार करने वाला
जिसकी आँखें आंसुओं से भरी नहीं होती
जब हो जाता है ये प्यार किसी को
क्यों ये बात ज़माने को नहीं भाती
करता है वो बदनाम प्रेमियों को
कभी ज़माने को उनपर दया नहीं आती
जब हो जाता है ये प्यार किसी को
क्यों वो जागकर ही ख़्वाब देखता है
रहता है हर पल जिस महबूब की आस में
उसी में फिर वो अपना रब देखता है
जब हो जाता है ये प्यार किसी को
क्यों वो सपनों की दुनिया में जीता है
करता है बेइंतहा प्यार जिससे
फिर उसको भुलाने के लिए पीता है।