जब हमे मिली आजादी
भारत ने झेली बहुत गुलामी,
लूट मुगलों ने की सरदारी,
फिर अंग्रेजो ने एक जाल बिछाया,
बना कंपनी व्यापार बढ़ाया।।
फूट डाल, भारत को दास बनाया,
देसी राज्य हड़पकर, ब्रिटिश राज चलाया,
पर वीरों ने ना हिम्मत हारी,
हंस हंस फांसी चढ़े खिलाड़ी।।
15 अगस्त सन 47 में मिली आजादी।
अमर तिरंगे झंडे को बारम्बार सलामी,बारम्बार सलामी।।