जब वियजोत्सव हमारा होगा
दिन भी कितना प्यारा होगा,
जब सारा जहाँ हमारा होगा।
कश्ती भी होगी ख़ुद की,
जब किनारा भी हमारा होगा।
महकेंगे हर तरफ फूल उस दिन,
जब प्रज्वलित हर गलियारा होगा।
बदल जाएँगे हर कष्ट हर्ष में,
जब वियजोत्सव हमारा होगा।
भाएगा सबसे मिलना हमको,
घर सपनों से उजियारा होगा।
छाएगा गजब का शमाँ उस दिन,
शमाओं से महफ़िल न्यारा होगा।
होंगे पूरे ख्वाब अपनों के,
फ्लाइंग जब हमारा होगा।
बदल जाएँगे हर कष्ट हर्ष में,
जब विजयोत्सव हमारा होगा।
✍️✍️✍️खुश्बू खातून