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25 Oct 2023 · 1 min read

जब फ़ज़ाओं में कोई ग़म घोलता है

जब फ़ज़ाओं में कोई ग़म घोलता है
तब क़लम से इक सुख़नवर बोलता है

आह से डरिये किसी मज़लूम की
आह से तो तख़्त-ए-हाकिम डोलता है
-प्रदीप माहिर
रामपुर उ0 प्र0

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