जब तुम ना थे, तो मौजूद तुम ही तुम थे l
जब तुम ना थे, तो मौजूद तुम ही तुम थे l
हिज्र में तेरी यादों के, मस्त सितम थे ll
जिंदगी तू खुश थी या बड़ी गमगीन थी l
क्या तेरे पास, लम्हे बहुत थे या कम थे ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
जब तुम ना थे, तो मौजूद तुम ही तुम थे l
हिज्र में तेरी यादों के, मस्त सितम थे ll
जिंदगी तू खुश थी या बड़ी गमगीन थी l
क्या तेरे पास, लम्हे बहुत थे या कम थे ll
अरविन्द व्यास “प्यास”