जब जब नीयत, भ्रष्ट हुई l
जब जब नीयत, भ्रष्ट हुई l
तब तब नियती, दुष्ट हुई ll
प्यास, देख देख कुकर्मी l
पीडाएं, ना नष्ट हुई ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
जब जब नीयत, भ्रष्ट हुई l
तब तब नियती, दुष्ट हुई ll
प्यास, देख देख कुकर्मी l
पीडाएं, ना नष्ट हुई ll
अरविन्द व्यास “प्यास”