जब गुरु छोड़ के जाते हैं
सूख जाते हैं सागर भी ,
जब गुरु कुद्ध हो जाते हैं |
कोई राम तो कोई पार्थ बन जाते,
जब गुरु कृपा छा जाते हैं|
गांडीव से निकला सभी शास्त्र
ब्रह्मास्त्र बन जाते हैं |
अश्रु की सागर बन जाते ,
जब गुरु छोड़ के जाते हैं |
अच्छे पे शाबाशी देते,
गलती पे डाँट सुनाते हैं |
गुरु ज्ञान की गंगा बनाते,
सच्चा मार्ग दिखाते हैं |
मुश्किल से डट कर लडना ,
काँटे पर चलना सिखलाते हैं |
किरणें सूरज से अलग हो जाते,
जब गुरु कृपा छा जाते हैं |
गुरु नदी के जैसे हैं,
जो सबके प्यास बुझाते हैं
गुरु दीप के जैसे हैं,
जो खुद जलके अंधकार मिटाते हैं
गुरु वो खेवैया हैं,
जो भवसागर पार लगाते हैं |
अासमां जमीं पे गिर जाते,
जब गुरु छोड़ के जाते हैं |
आदित्य राज
जवाहर नवोदय विद्यालय,
खगड़िया (बिहार)
न. 8051552391