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24 Apr 2020 · 1 min read

जब उनसे मुलाकात होगी ।

यह रात तब मंज़र-ए-शब-ताब होगी
मुद्दतों बाद जब उनसे मुलाकात होगी ।

आसाँ नही है मेरे दिल को यूँ जीत जाना
आपमें कुछ तो जरूर बात होगी ।

मैं नही लिख सकता उन पर सिर्फ ग़ज़ल
उन पर लिखूंगा तो पूरी किताब होगी ।

ठान कर निकलोगे जब अपनी राहों पर
मंज़िल भी तुमसे मिलने को बेताब होगी ।

– चिंतन जैन

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