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6 Feb 2023 · 1 min read

जब उदास होना

जब उदास होना
बोना एक बीज
माटी में !

जब बंधनों में
जकड़ना
सोचना
नन्हीं चिड़िया सरीखा !

जब लिखना
तो वृहद
आकाश पर लिखना !

जब खिलना
खिलना नन्हीं
कली बनकर !

जब बोलना
बोलना अपनी
मातृभाषा में!

जब जाना
तो ऐसे जैसे
बसे हो हर मन में…

डा.रंजना वर्मा ‘रैन’
गोरखपुर

Language: Hindi
143 Views
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