जब आलस बैठाए हो अंतर्मन में: फिर लक्ष्य का भेदन कैसे होगा ?
जब आलस बैठाए हो अंतर्मन में: फिर लक्ष्य का भेदन कैसे होगा ?
जब रगों में क्रान्ति का रक्त नहीं फिर युध्द का आरम्भ कैसे होगा ?
यदि समक्ष विपदा देखते हो तो हाहाकार मचाते हो …
हे पार्थ ! बतलाओ हमको तुम फिर विजय प्राप्त कैसे होगा !!