जबसे उनके हाथ पीले हो गये
जबसे उनके हाथ पीले हो गये
इश्क़ में कुछ हम भी ढीले हो गये
रोज़ कोसें अपनी ही तकदीर को
दिल के अरमाँ हाय गीले हो गये
फाड़ डालूँ उनकी मैं तस्वीर को
चिड़चिड़े हम कुछ हठीले हो गये
पूछते हो दिलजले का हाल क्या
ज़ख़्म गहरे और नीले हो गये
जूते चप्पल गुम गये जब उनके घर
राह के पत्थर नुकीले हो गये
महावीर उत्तरांचली