Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2022 · 1 min read

जपले प्रभु का जाप परिंदे…!!

कर अंतस निष्पाप परिंदे,
जपले प्रभु का जाप परिंदे।

डिग्रीधारी सुस्त पड़े हैं,
आगे झोलाछाप परिंदे।

आखिर कब तक ज़ुर्म सहेगा,
क्यों है तू चुपचाप परिंदे।

सुनकर वो फ़रियाद हमारी,
बोले रस्ता नाप परिंदे।

साफ़ दिखे जो बाहर जितना,
भीतर उतना पाप परिंदे।

कौन यहाँ अब सुनता किसकी,
क्या बेटा औ’ बाप परिंदे।

सब पापों का फल है मिलना,
कर ले पश्चाताप परिंदे।

कसमें, वादे, मन की बातें,
बिन पानी के भाप परिंदे।

फुस्स हुए सब बम बातूनी,
कैसा मुर्गा छाप परिंदे।

मुश्किल में जीना…, ही जीना,
क्यों मन में सन्ताप परिंदे।

पंकज शर्मा “परिंदा”🕊️

248 Views

You may also like these posts

अगर आपकी निरंकुश व नाबालिग औलाद
अगर आपकी निरंकुश व नाबालिग औलाद "ड्रिंकिंग और ड्रायविंग" की
*प्रणय*
है बात मेरे दिल की दिल तुम पे ही आया है।
है बात मेरे दिल की दिल तुम पे ही आया है।
सत्य कुमार प्रेमी
ईश्वर की अजीब लीला है...
ईश्वर की अजीब लीला है...
Umender kumar
चाँदनी रात
चाँदनी रात
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यादों का बसेरा है
यादों का बसेरा है
Shriyansh Gupta
राखी यानी रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा
राखी यानी रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा
Shashi kala vyas
तुम मेरी
तुम मेरी
Dr fauzia Naseem shad
” माता-पिता और गुरु में फर्क “
” माता-पिता और गुरु में फर्क “
ज्योति
Time flies🪶🪽
Time flies🪶🪽
पूर्वार्थ
तन्हा जिंदगी अब जीया न जाती है
तन्हा जिंदगी अब जीया न जाती है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
चप्पलें
चप्पलें
Kanchan Khanna
"नव वर्ष मंगलमय हो"
राकेश चौरसिया
श्याम हारे, गोरे हारे, पाये नहीं जीत
श्याम हारे, गोरे हारे, पाये नहीं जीत
Mahender Singh
तू मिला जो मुझे इक हंसी मिल गई
तू मिला जो मुझे इक हंसी मिल गई
कृष्णकांत गुर्जर
कभी फुरसत मिले तो पिण्डवाड़ा तुम आवो
कभी फुरसत मिले तो पिण्डवाड़ा तुम आवो
gurudeenverma198
"साथ-साथ"
Dr. Kishan tandon kranti
विचित्र
विचित्र
उमा झा
बारम्बार प्रणाम
बारम्बार प्रणाम
Pratibha Pandey
प्रेम के रंग कमाल
प्रेम के रंग कमाल
Mamta Singh Devaa
आलस करोगे, अंगड़ाई मिलेगी....
आलस करोगे, अंगड़ाई मिलेगी....
Aditya Prakash
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
स्वास्थ्य विषयक कुंडलियाँ
स्वास्थ्य विषयक कुंडलियाँ
Ravi Prakash
सगळां तीरथ जोवियां, बुझी न मन री प्यास।
सगळां तीरथ जोवियां, बुझी न मन री प्यास।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कर दो ना
कर दो ना
Dr Archana Gupta
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
सवाल करना तो बनता है
सवाल करना तो बनता है
Khajan Singh Nain
प्रेम
प्रेम
Saraswati Bajpai
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
उड़ने दो
उड़ने दो
Seema gupta,Alwar
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
Jitendra Chhonkar
Loading...