जन्म कुण्डी का खेल
लोग परेशानियो में अपनी जन्म कुंडली
पर कुछ ज्यादा गौर फरमाते हैं
जैसा ब्राह्मण कह देते हैं उनको
वो वैसा ही कर जाते हैं !!
न जाने कहाँ गुम सी हो जाती
है उस वक्त तकदीर सब की
जिस को खोजने के लिए
ज्योतिष विध्या खोज के लाती है !!
न जाने कौन सच्चा होता है
तकदीर या वक्त का अंदाज
इस सोच में कहीं न कहीं
अपनी तस्वीर ही खो जाती है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ