जन्मदिवस का महत्व…
जन्मदिवस का अपना एक विशेष महत्व है। ये दिवस जीवन के प्रति सार्थक चिंतन एवं मनन का दिन है । इसका अभिप्राय बिल्कुल भी ये नहीं है कि हम उदास होकर बैठ जाएँ, हमें इसे प्रफुल्लित होकर प्रसन्नता से मनाना चाहिये। साथ ही हमें अपने साध्य(ईश्वर) और साधन (माता-पिता) के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए।
हमें ये विचार करना चाहिए कि जीवन के जिस उद्देश्य के लिए ईश्वर ने हमें ‘दुर्लभो मानुषो देहो’ अर्थात – देव दुर्लभ,अतिसुंदर मानव देह देकर भेजा है उसके उद्देश्य की पूर्ति करने में हम इतने वर्षों में कहां तक सफल रहे। हमने जीवन का दैहिक, दैविक या भौतिक जो भी लक्ष्य निर्धारित किया था, क्या उसकी प्राप्ति के लिए हम आगे बढ़ पा रहे हैं? जिस लक्ष्य को लेकर हम चले थे उसमें हम कहां तक पहुंचे?
ये विचार करें कि कितनी आयु हमने आलस्य, प्रमाद में बिता दी और कितनी आयु का सार्थक प्रयोग किया एवं उसका प्रतिफल क्या है।
हम जिस प्रकार का जीवन जी रहे हैं और वर्ष-दर-वर्ष जिस जीवन को बिताए जा रहे हैं उसकी उपलब्धि क्या है?
ये सभी अतिमहत्वपूर्ण प्रश्न हैं।
मित्रों! ये दिन केवल पार्टी और शोर-शराबा करके गंवा देने भर के लिए नहीं है। लेकिन हाँ यदि ये आवश्यक लगता है तो थोड़ा बहुत कर लिजिये परन्तु इस दिन नवीन चिंतन कर नूतन लक्ष्यों के निर्धारण के लिए भी समय निकालिये और नयी शुरुआत कीजिये। तभी जन्म दिवस सार्थक हो सकेगा।
पंकज ‘प्रखर’
लेखक एवं विचारक
सुंदर नगर ,कोटा ,राज.