जन्मदिन
28 अप्रैल था वो दिन जिस दिन हमने तुमको पाया।
खुशियों की बौछार हुई और घर में हमने पर्व मनाया।।
जैसे जैसे पली बढ़ी तू घर में सबको खूब हंसाया।
कब तू सबकी लाडली बन गई, यह कोई भी समझ ना पाया।।
तेरे आने से इस घर में बहुत बड़ा बदलाव भी आया।
तेरे आने से इस घर में जिसने जो चाहा वो पाया।।
के जी से लेकर कॉलेज तक तूने सबका मान बढ़ाया।
बहन की तो तू दोस्त बनी पर भाई को बहुत सताया।।
तेरी माँ ने तेरे पीछे अपना सारा समय लगाया।
आज तेरे इस जन्मदिन पर यह सब मुझको याद है आया।।
जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं आस्था
खुश रहो आबाद रहो यहाँ रहो या …………….रहो।।।।
विजय बिजनौरी