Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2024 · 1 min read

जन्मदिन

पहले वो थे अब ये सब है, आगे अब किसकी बारी है।
हां पिछले बावन वर्षो से अपना, संघर्ष निरंतर जारी है।।

थीं चुनौतियों बहुत कठिन,तो नतमस्तक कर स्वीकार किया।
कांटो भरा डगर जीवन का, अविचिलित नंगे पग पार किया।।

हैं वो बैठी थी घात लगाकर, बाधाओं के जाल बिछा डाले थे।
खेल खेल में बीत गया सब, हम लोग भी तो हिम्मत वाले थे।।

संख्या का खेल नहीं ये सब, ये जीवन खेला है संघर्षों का।
ये संघर्ष है मानव मूल्यों का, उनके आदर्शो व उत्कर्षों का।।

गुरुजन परिजन का धन्यवाद, सब मित्रों का मैं आभारी हूं।
सरल सहज जीवन है “संजय”, बस सत्य का मैं दरबारी हूं।।

मेरे जन्मदिन पर कुछ लिखा आप आनंद ले।

जै श्री सीताराम
जै हनुमंत लला की

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 76 Views

You may also like these posts

एक लडक़ी की कहानी (पार्ट 2)
एक लडक़ी की कहानी (पार्ट 2)
MEENU SHARMA
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
ज़िंदगी, ज़िंदगी ढूंढने में ही निकल जाती है,
ज़िंदगी, ज़िंदगी ढूंढने में ही निकल जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हिचकियों   की   मुझे   तमन्ना  है ,
हिचकियों की मुझे तमन्ना है ,
Dr fauzia Naseem shad
*** तस्वीर....!!! ***
*** तस्वीर....!!! ***
VEDANTA PATEL
■दम हो तो...■
■दम हो तो...■
*प्रणय*
ज्वलंत संवेदनाओं से सींची धरातल, नवकोपलों को अस्वीकारती है।
ज्वलंत संवेदनाओं से सींची धरातल, नवकोपलों को अस्वीकारती है।
Manisha Manjari
"तुम भी काश चले आते"
Dr. Kishan tandon kranti
कत्थई गुलाब,,, शेष अंतिम
कत्थई गुलाब,,, शेष अंतिम
Shweta Soni
गाँव की याद
गाँव की याद
Rajdeep Singh Inda
होरी के हुरियारे
होरी के हुरियारे
Bodhisatva kastooriya
सच समझने में चूका तंत्र सारा
सच समझने में चूका तंत्र सारा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
3341.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3341.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*श्रम साधक *
*श्रम साधक *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माया
माया
pradeep nagarwal24
*पैसा ज्यादा है बुरा, लाता सौ-सौ रोग*【*कुंडलिया*】
*पैसा ज्यादा है बुरा, लाता सौ-सौ रोग*【*कुंडलिया*】
Ravi Prakash
चक्र सुदर्शन धारी,अब चक्र चलाओ ना
चक्र सुदर्शन धारी,अब चक्र चलाओ ना
कृष्णकांत गुर्जर
"फ़िर से तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
एक पल
एक पल
Meera Thakur
दियो आहाँ ध्यान बढियाँ सं, जखन आहाँ लिखी रहल छी
दियो आहाँ ध्यान बढियाँ सं, जखन आहाँ लिखी रहल छी
DrLakshman Jha Parimal
রাধা মানে ভালোবাসা
রাধা মানে ভালোবাসা
Arghyadeep Chakraborty
पुनर्आगमन
पुनर्आगमन
अंकित आजाद गुप्ता
वक्त की चोट
वक्त की चोट
Surinder blackpen
खजूर के वृक्ष का दुख
खजूर के वृक्ष का दुख
Laxmi Narayan Gupta
किसी को अगर प्रेरणा मिलती है
किसी को अगर प्रेरणा मिलती है
Harminder Kaur
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
वसंत पंचमी का महत्व
वसंत पंचमी का महत्व
Sudhir srivastava
ओ! महानगर
ओ! महानगर
Punam Pande
शरद पूर्णिमा - 2024
शरद पूर्णिमा - 2024
Raju Gajbhiye
Loading...