जनाब ये करोना है
जान जायेंगे तो जान बचायेंगे
नहीं जान पायेंगे तो जान से जायेंगे
इससे ज्यादा कुछ नहीं होना है
मर रहे अपनों के लिए आंखों में सिर्फ रोना है
क्या करिएगा जनाब ये करोना है।
बस बेबस आंसू के बीज ही यहां पर बोना है
क्या करिएगा जनाब………………..
हाथ पर हाथ धरे अपनों को इस जहां में खोना है
क्या करिएगा जनाब………………….
लाचार अपने घरों में चुपचाप यूं ही सोना है
करता करिएगा जनाब……………..
इस छोटे से वायरस के लिए तो आदमी खिलोना है
क्या करिएगा जनाब………………
क्यों आज खामोश इस घर का हर एक कोना है
क्या करिएगा जनाब……………….
जीवन को हराता ये जानलेवा मायावी जादू टोना है
करता करिएगा जनाब………………..
मौत खड़ी है सामने लापरवाही के लिए करो,ना है
क्या करिएगा जनाब………………………
जरा सी सावधानी हटी तो बस जान से हाथ धोना है
क्या करिएगा जनाब…………………..….
आप कुछ नहीं कर सकते ऊपर वाले के मन का होना है
क्या करिएगा जनाब……………………..
पूर्णतः मौलिक स्वरचित सृजन की अलख
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर,छ.ग.