*जनता के कब पास है, दो हजार का नोट* *(कुंडलिया)*
जनता के कब पास है, दो हजार का नोट (कुंडलिया)
जनता के कब पास है, दो हजार का नोट
रहा तिजोरी में सदा, यह पर्दे की ओट
यह पर्दे की ओट, दुकानों पर कब पाया
सड़कों पर जन-आम, जेब में ले कब आया
कहते रवि कविराय, छुपा रुस्तम था बनता
हुआ नोट यह बंद, न किंचित चिंतित जनता
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451