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30 Nov 2021 · 1 min read

जनता की ख़ामोशी

देश और समाज की मुहब्बत से ख़ामोश है!
खुद्दारी और ज़मीर की गैरत से ख़ामोश है!!
यह जनता क्या तुम्हारी दहशत से ख़ामोश है!
कानून और व्यवस्था की इज़्ज़त से ख़ामोश है!!

Language: Hindi
198 Views
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