Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2017 · 1 min read

जनकवि हूँ

जनता मुझसे पूछ रही मैं क्या बतलाऊ,
जनकवि हुँ साफ कहूंगा मैं क्यों हकलाऊ ।
__/\__ बाबा नागार्जुन __/\__

वंचना,भूख,गरीबी आज भी,
सत्तर वर्षो की नाकामी को क्यों झुठलाऊ,
जनकवि हूँ साफ कहूंगा मैं क्यों हकलाऊँ ।

लोकतंत्र बना कुटिल-तन्त्र अपराधी संरक्षक,
इस विकृति पर चुप क्यों रह जाऊँ,
जनकवि हूँ साफ कहूंगा मैं क्यों हकलाऊँ ।

Language: Hindi
749 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यह गोकुल की गलियां,
यह गोकुल की गलियां,
कार्तिक नितिन शर्मा
हाइकु .....चाय
हाइकु .....चाय
sushil sarna
"कश्मकश"
Dr. Kishan tandon kranti
चुनिंदा लघुकथाएँ
चुनिंदा लघुकथाएँ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मात्र मौन
मात्र मौन
Dr.Pratibha Prakash
3375⚘ *पूर्णिका* ⚘
3375⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
गरीब की आरजू
गरीब की आरजू
Neeraj Agarwal
तू ही बता, करूं मैं क्या
तू ही बता, करूं मैं क्या
Aditya Prakash
अद्वितीय संवाद
अद्वितीय संवाद
Monika Verma
"गरीबों की दिवाली"
Yogendra Chaturwedi
स्पर्श
स्पर्श
Ajay Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हसलों कि उड़ान
हसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
Love night
Love night
Bidyadhar Mantry
"अवसाद"
Dr Meenu Poonia
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Dr Parveen Thakur
*देहातों में हैं सजग, मतदाता भरपूर (कुंडलिया)*
*देहातों में हैं सजग, मतदाता भरपूर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
VINOD CHAUHAN
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
Anis Shah
समस्या है यह आएगी_
समस्या है यह आएगी_
Rajesh vyas
#drarunkumarshastei
#drarunkumarshastei
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हल्की हल्की सी हंसी ,साफ इशारा भी नहीं!
हल्की हल्की सी हंसी ,साफ इशारा भी नहीं!
Vishal babu (vishu)
दीमक जैसे खा रही,
दीमक जैसे खा रही,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चाँद तारे गवाह है मेरे
चाँद तारे गवाह है मेरे
shabina. Naaz
याद रहेगा यह दौर मुझको
याद रहेगा यह दौर मुझको
Ranjeet kumar patre
नवरात्रि के इस पावन मौके पर, मां दुर्गा के आगमन का खुशियों स
नवरात्रि के इस पावन मौके पर, मां दुर्गा के आगमन का खुशियों स
Sahil Ahmad
गज़ल (राखी)
गज़ल (राखी)
umesh mehra
Tu wakt hai ya koi khab mera
Tu wakt hai ya koi khab mera
Sakshi Tripathi
Loading...