जद्दोजेहद तेज हो
नफ़रत की रिवायत के ख़िलाफ़
एक और इंकलाब!
मज़हब की सियासत के ख़िलाफ़
एक और इंकलाब!
शैतानी तबियत के ख़िलाफ़
एक और इंकलाब!
ज़ुल्मत की हुक़ूमत के ख़िलाफ़
एक और इंकलाब!
Shekhar Chandra Mitra
#चुनावीकविता #सियासीशायरी
#युद्ध_नहीं_बुद्ध #बहुजन_क्रांति