जज्बे का तूफान
जिंदगी जज्बे का तूफांन लिये आई छुपाऊ कैसे।।
हज़ारो साल नर्गिस के इंतज़ार का
सौगात लिये आई दिल दौलत दामन में संभालूं कैसे।।
जमीं पे पांव नहीं लाखों अरमानो की हकीकत छुपाऊं को कैसे।।
करम खुदा का कहूँ या किस्मत
का करिश्मा पूछती है दुनियां बताऊँ कैसे।।
यकीं का शोर बहुत जिंदगी की मोहब्बत दिल में दबाऊं कैसे।।
नशा नसीब का बिन पिए सुरूर जिंदगी में मैखाना ख़ास मुहब्बत पैमाने दिखाऊं कैसे।।
हर हद सरहद से गुजरने को
मचलता है दिल तरन्नुम में
मचलते दिल को समझाऊं
कैसे।।
डर है की जिंदगी के तरानों का
ये लम्हा ख्वाब ना हो जाये कहीं
अंदाज ख़ास लम्हे को संभालूं कैसे।।
उगता हुआ सूरज है ए जिंदगी का
ख़ास लम्हा चाँद की चाँदनी का दीदार अक्स उतारूँ कैसे।।
लम्हा लम्हा गुजरती जिंदगी का
हसीन लम्हा जिंदगी का नूर
नज़र बनाऊ कैसे।।
हुस्न इश्क मोहब्बत का आलम जिंदगी के हुजूर की मौसिकी गाऊँ कैसे।।
दीवाने परवाने का जूनून लम्हा जिंदगी का जर्रे जर्रे की नज़र
दुनियां को बताऊँ कैसे।।
जिंदगी के खास इंतजार से है ए इल्तज़ा इतनी ,मुबारख कदमो
के बाहरो का चमन हर कदम
निहारूँ कैसे।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर