जज़्बात
हम सभी के जीवन में जज़्बात होते हैं।
जीने और चाहत के सफर में हम होते हैं।
सच तो जज्बातों के अपने विचार होते हैं।
हम तुम और कभी वो भी साथ रहते हैं।
जिंदगी के सफर में हम जज्बातों के साथ है।
आज सच और झूठ फरेब के रिश्ते होते हैं।
बस जज़्बात ही तो हम सभी के साथ होते हैं।
इस जीवन का सच तो यही बस एक होता हैं।
जज्बातों के साथ साथ हमारे रंगमंच पर किरदार हैं।
हां हम सभी की अपनी जिंदगी और सोच होती हैं।
अपने अपने जज्बात हम सभी सही समझते हैं।
कभी कभी दूसरों के एहसास भी हम रखते हैं।
आओ जज्बातों के साथ जीवन में रंग भरते हैं।
अपने मनोभावों का सच और हकीकत कहते हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र