Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 1 min read

*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*

जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)
_________________________
1)
जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है
यों तो रिश्तेदारी सबसे, पैसे वाला खास है
2)
वाह्य जगत में अभिनय करके, पाओगे भटकाव ही
मिलते हैं भगवान उसी को, जिसके भीतर प्यास है
3)
जिसने पाया परम-ब्रह्म को, मधुरिम जीवन धन्य वह
कभी न मिटने वाला उसमें, हर्ष और उल्लास है
4)
दुनिया के राजाओं से मैं, क्यों जाऊॅं धन मॉंगने
मुझे भरोसा राम-नाम पर, राम-नाम की आस है
5)
सिखलाते हनुमान हमें यह, ताकत पर न इतराओ
जग ने पूजा उसे हुआ जो, सियाराम का दास है
6)
ध्यान लगाओ खुद को ढूॅंंढो, मुक्ति मिलेगी देह से
फिर देखोगे भीतर-भीतर, छाने लगा उजास है
————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451

233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

वो कौन थी
वो कौन थी
डॉ. एकान्त नेगी
गीतिका
गीतिका
Mahesh Jain 'Jyoti'
नारी
नारी
Mandar Gangal
मुझे पाने इश्क़ में कोई चाल तो चलो,
मुझे पाने इश्क़ में कोई चाल तो चलो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जय हो बाबा साँई बाबा
जय हो बाबा साँई बाबा
Buddha Prakash
शब्द -शब्द था बोलता,
शब्द -शब्द था बोलता,
sushil sarna
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
gurudeenverma198
कचोट
कचोट
Dr.Archannaa Mishraa
गुरु पर कुण्डलियाँ
गुरु पर कुण्डलियाँ
sushil sharma
बात मेरी होगी,कल
बात मेरी होगी,कल
Nitu Sah
दृढ़
दृढ़
Sanjay ' शून्य'
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
जगदीश शर्मा सहज
" दर्पण "
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जहर    ना   इतना  घोलिए
जहर ना इतना घोलिए
Paras Nath Jha
"कहने को हैरत-अंगेज के अलावा कुछ नहीं है ll
पूर्वार्थ
हम एक-दूसरे के लिए नहीं बने
हम एक-दूसरे के लिए नहीं बने
Shekhar Chandra Mitra
*भूमिका (श्री सुंदरलाल जी: लघु महाकाव्य)*
*भूमिका (श्री सुंदरलाल जी: लघु महाकाव्य)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
जस गीत
जस गीत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
चांद पे हमको
चांद पे हमको
Dr fauzia Naseem shad
अनंत नभ के नीचे,
अनंत नभ के नीचे,
Bindesh kumar jha
दिल के अरमान
दिल के अरमान
Sudhir srivastava
*शिव रक्षा स्तोत्रम*
*शिव रक्षा स्तोत्रम*
Rambali Mishra
😊बड़ा सबक़😊
😊बड़ा सबक़😊
*प्रणय*
"फेसबुक मित्रों की बेरुखी"
DrLakshman Jha Parimal
'बस! वो पल'
'बस! वो पल'
Rashmi Sanjay
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
4888.*पूर्णिका*
4888.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...