जग के पालनहार
सारे जग में उजियारा छाया सबका मन हर्षाया
चहुँ ओर आनन्द लहर पुष्प वर्षा से करें स्वागत
ब्रज में बाजत बधाई आये नन्द यशोदा लाल
भक्तों का रखवाला जग का पालनहार
सुन्दर शोभा मनमोहन की छवि अति प्यारी
पीताम्बर पट चंचल मुख सिर मोर मुकुट धारी
माखनचोर रास रचैया नन्द यशोदा लाल
गोपियन प्यारे सब सखा तुम्हारे ब्रज बाल
मीरा के प्रभु गिरधर नागर कर्मा के घनश्याम
राधा के प्रभु प्रियतम प्यारे रुक्मिणी नाथ
सब जग के तुम रखवाले ओ पालनहार
सब जग की पीड़ा दूर करते प्रभु आप
कलियुग में व्याप्त द्वेष भाव वैमनस्यता
ज्ञान की धारा बहाने सब दुःख हरने
मानवता का पाठ पढ़ाने गीता का ज्ञान
जग में उजियारा लाने प्रभु पधारो आज |
नेहा
खैरथल अलवर (राजस्थान)