जग कल्याणी
जय कल्याणी आदि भवानी,
कालरात्रि कल्याण करें।
वेदत्रयी में व्याप्त बखानी,
जीवन में नवप्राण भरें।।
विद्युतमयि छवि तेजस्वरूपा,
खरारूढ़ कंटकाभरण।
हे जगदम्बे माँ अविलम्बे,
सकल व्यथा का करें क्षरण।।
भक्तों की रक्षा में तत्पर,
दिव्य रूप भयभीत दनुज।
अभयदायिनी तिमिरनाशिनी,
आसन गहें हृदय अम्बुज।।
सप्तम दिवस पूजिता अम्बे,
निष्कंटक भव पार करें।
दुख भव बाधा विपदाओं का,
आदि शक्ति संहार करें।।
डा.मीना कौशल
प्रियदर्शिनी