~~~जगत जननी सब जानती है ~~~
वो तुम्हारे आने से पहले
ही समझ जाती है
माता रानी के दरबार में जाकर,
कुछ लोग रहमत
की दुआ करते हैं
और कुछ लोग अपने
व्यापार की दुआ करते हैं
कुछ पुत्र की कामना करते हैं
कुछ पुत्री की कामना करते हैं
यानि कुछ न कुछ मांगने
की ही दुआ करते हैं
दुनिया वाले लोगो, जो जाते हैं दरबार उसके
वो तुम्हारे आने से पहले ही समझ जाती है
किस को क्या चाहिए, और किस को सच में
झोली है खाली, और वो सच्चा इंसान है !!
मतलब से क्या जाना वहां, उस का दरबार निराला है
हम ही हैं मुर्ख बन्दे, उस की दुनिया का ख्याल निराला है
दे देती हैं बिना कुछ मांगे, झोलियन भर देती है
इन्सान ही मतलबी हो गया है,वो बिना समझे सब देती है !!
करता छल और कपट फिर , पाप करता जाता है
मेहनत करता है कोई जग में,
तू तो बिन मेहनत उस का भी धन खाता है
बहुत करता अभिमान , वो सब जानती है,
तेरी राग राग में क्या दौड़ रहा, सब वो जानती है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ