जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य
चौदहवीं शताब्दी में जब भारत, आक्रांताओं से आहत था
जाति पाति ऊंच नीच, धर्म बड़ा आफत में था
कठिन समय में राम भक्ति के, जगतगुरु रामानंदाचार्य हुए
रामानंदीय संप्रदाय संस्थापक, दुनिया भर में जिनके शिष्य हुए
जाति पाति ऊंच नीच का, गहरा भेद मिटाया
राम नाम के परम प्रकाश से, सामाजिक समभाव बनाया
भारतीय समाज को संगठित कर,अपना धर्म बचाया
धर्म अर्थ और काम मोक्ष, रहस्य सभी समझाया
संत कबीर रैदास जी जिनके,परम विवेकी शिष्य हुए
७५० बर्ष से ऊपर परंपरा में, अनगिनत तपस्वी संत हुए
भारतीय समाज को संतों ने, भक्ति का मार्ग बताया
राम नाम धर्माचरण भक्ति का, जन जन में भाव जगाया
आज दुनिया के कोने कोने में, उनके मठ मंदिर स्थान हैं
रामानंदीय संप्रदाय और संत, मेरे भारत की शान हैं
कोटि कोटि नमन चरणों में,जय जय सीताराम सीताराम है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी