जख्म
जिंदगी में कुछ जख्म हमें ऐसे मिल जाते है, जिन्हें हम चाहकर भी कभी भुला नहीं पाते है और ना ही उन्हें अपने जहन से निकाल पाते है। रह रह कर ये जख्म हमें तकलीफ़ देते जाते है। आंखों में नमी तो कभी जिंदगी में कहर बनकर हमपर गिरते है, दिल के हमारे ये सौ टुकड़े कर जाते है। जिंदगी से हमारे सुकुन को छीन ले जाते है।
~ Silent Eyes