जख्मी होकर_ मुस्कुराना
जख्मी होकर_ मुस्कुराना_क्या मजा जीने में है
आंख नम है दिल मचलता इक तड़प सीने मै है
जाने वाले_जा मुसाफिर_तेरे विन जी लेगे हम
गिरते उठते_ फिर संभालना_क्या मजा पीने है
कृष्णकांत गुर्जर
जख्मी होकर_ मुस्कुराना_क्या मजा जीने में है
आंख नम है दिल मचलता इक तड़प सीने मै है
जाने वाले_जा मुसाफिर_तेरे विन जी लेगे हम
गिरते उठते_ फिर संभालना_क्या मजा पीने है
कृष्णकांत गुर्जर