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11 Feb 2024 · 1 min read

जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे

ये खूबसूरत दृश्य आंखों से ओझल हो जाएंगे
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे
आधुनिकता के इस खेल में बस पुर्जे ही रह जाएंगे
बारिश नहीं होगी ओर पंछियों के कलरव भी रूक जाएंगे
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे

Language: Hindi
165 Views
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