“छ.ग. पर्यटन महिमा”
“छ.ग. पर्यटन महिमा”
कल-कल करती नदी वो झरने
हरियाली फैली चहुँओर,
लोक संस्कृति का ताना-बाना
जैसे बंधे एक डोर।
जंगली जानवरों से भरा-पूरा
अबूझ अनोखा संसार,
वन खनिज सारी सम्पदा छुपी
छलकते प्रेम अपार।
“छ.ग. पर्यटन महिमा”
कल-कल करती नदी वो झरने
हरियाली फैली चहुँओर,
लोक संस्कृति का ताना-बाना
जैसे बंधे एक डोर।
जंगली जानवरों से भरा-पूरा
अबूझ अनोखा संसार,
वन खनिज सारी सम्पदा छुपी
छलकते प्रेम अपार।