छोड़ चले वो
छोड़ चले वो रहो में ।
अलसाए उजियारो में ।
एक चँदा की ख़ातिर ,
सोए न हम रातों में ।
गिन गिन गुजरी रातें ,
याद सुहानी यादों में ।
जुगनू चमके वादों के ,
सावन सी बरसातों में ।
छोड़ चले वो राहों में ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”@….
छोड़ चले वो रहो में ।
अलसाए उजियारो में ।
एक चँदा की ख़ातिर ,
सोए न हम रातों में ।
गिन गिन गुजरी रातें ,
याद सुहानी यादों में ।
जुगनू चमके वादों के ,
सावन सी बरसातों में ।
छोड़ चले वो राहों में ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”@….