छोटी सी बात
हम अक्सर
बड़ी – बड़ी बातें
करते हैं।
बड़ी समस्याओं
के विषय में सोचते हैं।
और – नकार देते हैं
छोटी – छोटी बातों
छोटी – छोटी चीजों
को सिरे से।
फिर एक दिन
बिल्कुल अचानक
ये छोटी बातें
आ खड़ी होती हैं
हमारे समक्ष
किसी बड़ी समस्या
के रूप में।
हम मुँह उठाए अवाक
देखते रह जाते हैं उन्हें
और – तब उठता है
मन में यह सवाल
आखिर इन छोटी बातों
के विषय में हमने
पहले क्यों नहीं सोचा..??
रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत)।
वर्ष :- २०१३.