//… छोटी सी गुजारिश…//
//… छोटी सी गुजारिश…//
जब से
लगी है ,
कमबख्त ये ,
इश्क-लत…!
तलब इसकी ,
वक्त बे-वक्त…!
कभी सख्त ,
कभी सहज…!
ऐ खुदा –
तूने इसमें ,
जुदाई , तन्हाई ,
…… , ……… ,
बनाया क्यों…?
दो सच्चे ,
दीवानों को ,
मिला देता ,
बस , महज…!
चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)