छूटना
जहां मिले
बहुत सारा मिलना छूट गया वहां
जितना मिले
साथ में आया
और बहुत सारा छूटा हुआ
हवा में तिरता रहा
घुला हुआ
पत्तों पर बारिश की
एक बूंद बन ठहरा हुआ
बहुत सारे छूटे हुए में
थी उम्मीद बहुत सारी
फिर मिल सकने की
उम्मीद थी
इसलिए
संभव था
फिर मिलना
ताकि छूटा हुआ
सारा का सारा
साथ ला सकें ।।
~गुंजन