छुट रही थी जीने मरने की ख्वाइश …..
(53)
छुट रही थी जीने मरने की ख्वाइश
ओ दिखी फीर से जागी उसे पाने की ख्वाइश
मुझ पर अहसान करने की बात मत करना
अब बहुत हुई इस भोले पन की नुमाइश।
(अवनीश कुमार )
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छुट रही थी जीने मरने की ख्वाइश
ओ दिखी फीर से जागी उसे पाने की ख्वाइश
मुझ पर अहसान करने की बात मत करना
अब बहुत हुई इस भोले पन की नुमाइश।
(अवनीश कुमार )