छुट भैया नेता
छुट भैया नेता कुछ ऐसे पल मे रंग बदलते हैं |
राष्ट्र हितैषी जन उनकी आखों में खलते है ||टेक||
साठ साल देश चलाये गरीबी को बढ़ाई है |
लालीपॉप दे गरीब को कहे गरीबी से लड़ाई है||
चिंता नहीं देश की निज स्वार्थ पर चलते हैं ||1||
गरीबों का हक मार विदेशों में धन रख आये |
सच्चे देश भक्त है हम ऐसी झूठी कसमे खाये ||
राम बताये काल्पनिक सेक्युलर कहलाते हैं ||2||
भुखे रहे देश के बच्चे पडोसी की चिंता भारी |
विदेशी एजेंट है ये उसकी हैं यह खुमारी ||
भ्रष्टाचारी पकड़े जाते यही सोच घबराते है ||3||
डॉ पी सी बिसेन .अनजान.
अवधपुरी पवार ले आउट
मोती नगर बालाघाट.म.प्र.
20/05/2024